Wednesday, 16 March 2016

गुरू घासीदास जी के वंश विस्तार :-


गुरू घासीदास एवं माता सफुरा से तीन पुत्र एवं एक पुत्री हुआ। 

वंश वृक्ष 
1. अमरदास जी बाल्यवस्था में जंगल से वापस नहीं लौटे।
2. बालकदास जी का एक पुत्र साहेबदास हुआ। बालकदास जी की हत्या कर दी गई।
3. आगरदास जी को सन् 1875 में एक पुत्र प्राप्त हुआ उनका नाम अग्रमनदास था।
4. सुभद्रा माता का विवाह हो गया। 
गरू आगरदास जी का विवाह कनुका माता से हुआ था। उसी समय अपने बड़े भाई गुरू बालकदास की (विधवा) पत्नि राधा माता जी को स्वीकार कर लिया। जिनसे सन् 1876 में एक पुत्र प्राप्त हुआ जिसका नाम अजबदास रखा गया।
अजबदास का विवाह गायत्री माता से हुआ इनसे गुरू अतिबलदास बाबा जी का जन्म सन् 1894 ई. में हुआ। राधा माता ने अपने विवाहित पति गुरू बालकदास जी के संयोग से उत्पन्न पुत्र गुरू साहेब दास की विवाहित पत्नि कर्री माता को गुरू अजबदास जी को स्वीकार कराई। जिनके संयोग से गुरू मुक्तावनदास जी का जन्म सन 1898 एवं गुरू जगतारनदास जी का सन् 1901 ई. में जन्म हुआ।
गुरू मुक्तावनदास एवं ललीता माता जी से प्रथम पुत्र अम्रदास जी और अम्रदास एवं मीना के संयोग से गुरू धर्मदास एवं गुरू गोविंद दास।
द्वितीय पुत्र बालदास जी एवं रूकमणी माता के संयोग से गुरू ढालदास (आगे और भी वंशज हैं।
तृतीय पुत्र नवरत्न दास एवं संत माता के संयोग से भी वंश वृद्धि हुए।
गुरू जगतारन दाज जी एवं कृती माता जी के संयांग से 3 पुत्र हुए -
(1) गुरू जगमोहन दास एवं फिरतीन माता के संयोग से सेवनदास, उत्तमदास एवं नेमनदास आगे वंशज और भी है .... 
(2) गुरू मनमोहन दास एवं माता संत कुमारी से देउमनदास व सतखोजन दास जी। 
(3) गुरू दयावंत दास एवं एम.माता के संयोग से पालकदास, द्वारिका दास, देवेन्द्रदास सुपुत्र हुए ।
गुरू अतिबलदास एवं भगवंतीन माता के संयोग से तीन पुत्र हुए -
1) प्रकाशदास पत्नि पुराईन माता निर्वंशी रहे।
2) गुरू अबारनदास पत्नि गुलाब माता से दो पुत्र- प्रथम संतनदास एवं द्वितीय आशकरण दास जी
3) सुखनंदनदास पत्नि सुहागा माता की गोद से मकसुदनदास गुरू एवं अजयदास गुरू उत्पन्न हुए।
गुरू संतनदास जी के पुत्र प्रथम गुरू मुक्ति दास एवं द्वितीय पुत्र शक्तिदास जी
गुरू आशकरण दास जी को तीन संतान हुआ- प्रथम गुरू आसमदास, द्वितीय पुत्र फलदास एवं तृतीय मनहरणदास
गुरू अम्तमनदास एवं कनुका माता जी से गुरू अगमदास जी का जन्म हुआ। अगमदास जी का पूर्णिमा माता के साथ विवाह सन् 1915 मंे हुआ था। 1927 में माता सुमरीत के साथ उनका दुसरा विवाह हुआ। जिसमें मंतरा नामक एक पुत्री का जन्म हुआ था। तीसरा विवाह असम के मीनी माता से सन् 1932 में हुआ था और चैथा विवाह केवटा डबरी के माल गुजार रतिराम की सुपुत्री करूणा माता के साथ हुआ था जिनसे विजय गुरू उर्फ अग्रनामदास बाबा जी का जन्म हुआ। विजय गुरू एवं कौशल माता से गुरू रूद्रकुमार जी का जन्म हुआ आगे वंश जारी है।

36 comments:

  1. Abhi present time ke bare me bhi kuch bataiye na sir

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  2. यह जानकारी बहुत अच्छा है कृपया इस विवरण देने वाले का परिचय भी देते तो ज्यादा अच्छा होता

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    1. Ye Jo bat likhe hy pura galat hy. Aap satname panth karke YouTube me search karo

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  3. Aapke pas aur jankari hogi usko v social sites par daliye Sir ji jai satnam

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  4. बाबा गुरु घासीदास जी के चार पुत्र और एक पुत्री थी. आपके द्वारा बताई गई कुछ बात गलत है. बालक दास जी के पत्नी के बारे में और उनके पुत्र के बारे में जानकारी गलत है. आप के द्वारा गुरु अमर दास जंगल से लौटा नहीं है. समाज को गुमराह मत करो गौरव शाली इतिहास है हमारा. हे सतनाम

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    1. तो जंगल से लौटे की नही

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    2. यहां बीना जानकारी के पोस्ट किया गया है इसे कहते है बिना नालेज का कॉलेज

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    3. सही बोल रहे हो

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  5. Iske pahle ki kahani bataiye

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  6. Unke gotta konsa hai Bhai ratrre hai ya lhare

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  7. गुरु अगम दास जी के विवाह के संबंध में उनके पहला ससुरार कहां है उसके बाद दूसरा, उसके बाद तीसरा, उसके बाद चौथा, क्रमवार ससुराल का नाम लिखें! कृपया डालें!
    ज !सतनाम!

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  8. Abhi ke baare me kuch bataye

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  9. गुरु घासीदास बाबा जी का गोत्र है घिन्डोला
    मै भी इसी वंसज का पुत्र हु गिरौदपुरी को छोड़कर हमारे दादा पर दादा घोड़ा मे बैठ कर ग्राम भेडिकोना मे बसने आ गये ! फिर हमारे वंसज वहा से हाथी मे सवार होके खोजते खोजते भेडिकोना तहसील मालखरौदा जिला जांजगीर चाम्पा आये थे आगे की जानकारी वंशावली का खोज चल रहा है

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    1. सर क्या आप भगवान को मानते हो

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    2. Apna contact number dijiye

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    3. जाति क्या थी घासीदास जी की?

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  10. वर्तमान मे गोत्र बदलकर नवनीत रख दिया है

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  11. Aapke davra likhi Gatha galat . Jab jankari nahi hy to nii likhana chahiye hamre satname purvaj ke bare me aysa galat bate Na likho.

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    1. जब अंग्रेजो ने जंग छिड़ दिया था तो और बहुत दुकाल पड़ जाने के कारण सब वहां से छोड़ कर हमारे दादा परदादा कालिदास साहेब जी के बाकि सब परिवार कई जगह दूसरे दूसरे गाऊँ मे आके बस गए जिसमे से मै जितना जनता हु वहा तक 1. लालमाटी
      2. भेड़िकोना
      3. परशाडीह जिला जांजगीर चंपा छत्तीसगढ़ है

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  12. समाज को सही जानकारी तो
    गुरु अमरदास जी के बारे में

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  13. बहुत ही घटिया वक्तव्य है जब पूरी जानकारी नही है जो किसी के बारे में गलत लिखने से पहले सोच समझ लेना चाहिए

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  14. गुरु घासीदास बाबा जी के चार पुत्र थे चौथे का नाम आंगड़िया दास था

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  15. प्रातः स्मरणीय संत बाबा गुरु घासीदास जी का कितना भाई बहन थे अगर जानकारी हो तो जानकारी देने का कृपा करें? 🙏जै सतनाम🙏

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  16. Jinko knowledge hai o proper vansavali bana k side m dale taki samjh ko pata chale or jankari mile

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  17. किस जाति से थे गुरु घासीदास जी?

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  18. ब्लोगर को डिलीट करे या जानकारी अपडेट करे ,महोदय समाज को सही जानकारी देने के लिए गुरु वंसज से जानकारी ले ,आपने प्रयास की धन्यवाद

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  19. This comment has been removed by the author.

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  20. This comment has been removed by the author.

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